बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में राज्य का बजट पेश किया गया। उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुशील मोदी बिहार के वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। बजट को लेकर विपक्ष काफी आक्रामक नजर आया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने वेल में जाकर नारेबाजी किया। तेजस्वी ने कहा कि सुशील मोदी खजाना खाली करके बजट पढ़ रहे हैं। इस बीच हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही 3:30 तक स्थगित कर दी गई। हंगामें के बीच सुशील मोदी ने 1.76 लाख करोड़ का बजट पेश किया। इसमें 33 हजार करोड़ रूपये शिक्षा पर खर्च किये जायेंगे। मुजफ्फरपुर जिले में तीन नये कृषि विज्ञान केंद्र बनेंगे। हर घर नल का जल, बिजली, सड़क सरकार का लक्ष्य है। जिलों में एएनएम कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी। राज्य में कई नए पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जायेंगे। इस बार बजट में निबंधन शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है। मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। 10257 करोड़ ऊर्जा के लिए खर्च किए जाएंगे। 30 करोड़ मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण के लिए खर्च होंगे। ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 10505 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक अप्रैल से दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।