देश में कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है। त्रिपुरा और नगालैंड में खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस मेघालय में भी सत्ता से दूर हो गई। राजग की सहयोगी एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा ने 34 विधायकों के समर्थन सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों-त्रिपुरा, नगालैंड व मेघालय, जहां हाल में चुनाव हुए हैं, राजग की सरकारें बनने का रास्ता साफ हो गया। पूर्वोत्तर के ‘सेवन सिस्टर स्टेट’ में अब मात्र मिजोरम में कांग्रेस सरकार रह जाएगी। एक घटनाक्रम में 21 सीट जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता से दूर करते हुए भाजपा ने 5 दलों और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया है। आपको बता दें कि 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19, भाजपा 2, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 6, एचएसपीडीपी 2, पीडीएफ 4 और 1 निर्दलीय के साथ आने से इस गठबंधन के पास 34 विधायकों का समर्थन हो गया है। वहीं दूसरी ओर नगालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य ने भाजपा की सहयोगी एनडीपीपी के नेता नेफियू रियो को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है। रियो ने 60 सदस्यीय विस में 32 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। राज्यपाल ने रियो को विधायकों का पत्र सौंपने को कहा है। आपको बता दें कि राज्य में एनडीपीपी ने 18 व भाजपा ने 12 सीटें जीती हैं। जदयू के एकमात्र विधायक जी काइतो आये व निर्दलीय टोंगपेंग ओजुकुम ने समर्थन दिया है। रियो राज्य के तीन बार के मुख्यमंत्री हैं। इधर त्रिपुरा में भाजपा की सबसे सशक्त जीत के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देव का मुख्यमंत्री बनना तय है। भाजपा विधायक दल की छह मार्च को होने वाली बैठक में उन्हें नेता चुने जाने की पूरी संभावना है। वाम मोर्चा की हार के बाद माणिक सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल तथागत राय ने उनसे नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया।