जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हुई फायरिंग के मामले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इस मामले में आरोपी के रूप में मेजर आदित्य का नाम नहीं है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 24 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक किसी तरह की जांच करने से इन्कार कर दिया है। इससे पहले 12 फरवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को एक पिता और सेना की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। सेना पर FIR के मामले में शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस भी जारी करते हुए दो दिन में जवाब देने को कहा था। आपको बता दें कि सेना पर FIR के मामले में मेजर आदित्य के पिता लेफ्टीनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उन्होने सुप्रीम कोर्ट से अपने बेटे आदित्य के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की थी। मेजर आदित्य के पिता ने कहा है कि उनके सैन्य अधिकारी बेटे ने जो भी किया वो अपने कर्तव्य निर्वहन में सरकारी संपत्ति और सैन्य अधिकारियों की रक्षा के लिए किया। राज्य सरकार द्वारा उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज किया जाना गलत है, उसे निरस्त किया जाए। मेजर आदित्य के खिलाफ शोपियां में 27 जनवरी को FIR दर्ज की गई थी। श्रीनगर के शोपियां में गत 27 जनवरी को सेना के काफिले पर हिंसक भीड़ का हमला और पत्थरबाजी रोकने के लिए सेना द्वारा की गई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने सैन्य काफिले की अगुवाई कर रहे मेजर आदित्य के खिलाफ रणवीर पैनल कोड की धारा 336, 307 और 302 के तहत एफआईआर दर्ज की।