नई दिल्ली। ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। रेलवे की एक अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए ई-वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब काउंटर टिकट में वेटिंग होने पर जिस तरह से यात्री सफर कर सकते थे, उसी तरह ई-वेटिंग टिकट वाले य़ात्री भी यात्रा कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश की फिर से बहाली हो गई है जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि रेलवे काउंटर टिकट धारकों और ई-टिकट धारकों के बीच भेदभाव नहीं कर सकती। कोर्ट ने इस संबंध में रेलवे को छह महीने का समय दिया था ताकि रेलवे अन्य विकल्पों पर विचार करे।
बता दें कि पहले फाइनल चार्ट बनने के बाद ई-टिकट खुद-ब-खुद ही कैंसिल होता है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे इस नियम के खिलाफ वकील विभाष झा ने कदम उठाया था। इस आदेश के बाद रेलवे ने कहा कि हम आदेश देखने के बाद ही कदम उठाएंगे।
अभी 75% से ज्यादा लोग ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में सुझाया था कि चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग टिकट ऑटोमैटिक कैंसल हो या न हो, इस बारे में धारक को ई-टिकट बुकिंग के समय ही ऑप्शन मिलना चाहिए। इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि काउंटर टिकट को वरीयता मिलनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने फर्जी नामों से टिकट खरीदने वालों पर भी रोक लगाने को कहा था।