चेन्नई। गुरुवार 14 जून को मद्रास हाईकोर्ट तमिलनाडु में 18 विधायकों की सदस्यता पर फैसला सुनाएगी। कोर्ट इन विधायकों पर अपना फैसला दोपहर 1 बजे सुनाएगी। कोर्ट के फैसले को लेकर कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं।
कोर्ट के फैसले में यदि विधायक केस हारते हैं तो सरकार पर कोई असर नहीं होगा लेकिन यदि विधायक केस जीत जाते हैं और वे सरकार के खिलाफ वोट करते हैं तो फिर सरकार गिर जाएगी। ऐसे में तमिलनाडु में राजनीतिक अस्थिरता की नौबत आ सकती है।
234 सदस्यों के सदन में यदि सभी सदस्य वोट करें तो सरकार को बहुमत के लिए 117 वोटों की जरूरत होगी। मौजूदा 113 की संख्या से यह बस चार वोट अधिक है। लंबे समय से बीमार चल रहे डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि सदन की कार्यवाही में नहीं पहुंच सके हैं लेकिन पार्टी प्रवक्ता के मुताबिक वह वोट करने जरूर पहुंचेंगे।
इस बारे में बागी नेता थंग तमिल सेल्वन ने बताया कि वह अम्मा की सरकार को गिराना नहीं चाहते, अपना हक चाहते हैं। कई बागी नेता मुख्यमंत्री ई. पलनिसामी से समझौता करने के लिए भी तैयार हैं। केंद्र भी सरकार गिराने के बारे में नहीं सोच रहा।
बता दें कि 18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। सदस्यता रद्द होने के बाद विधायक हाई कोर्ट चले गए थे। 20 सितंबर 2017 को हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को इन विधायकों की सीटें खाली घोषित करने से रोक दिया था।