वॉशिंगटन। अंटार्कटिका में बर्फ की चादर पिघल रही है। बर्फ का पिघलना दुनिया के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 1992 के बाद से करीब 30 खरब टन बर्फ पिघल चुकी है।
हिम विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने एक नए अध्ययन में कहा कि सदी की पिछली तिमाही में अंटार्कटिका में बर्फ इतनी तेजी के साथ और इतनी ज्यादा पिघल चुकी है कि टेक्सास में 13 फीट तक की जमीन समुद्र में समा चुकी है।
दक्षिणी छोर में बर्फ की यह चादर जलवायु परिवर्तन की मुख्य संकेतक है। अध्ययन के मुताबिक साल 1992 से 2011 तक अंटार्कटिका में एक साल में करीब 84 अरब टन बर्फ पिघली। साल 2012 से 2017 तक बर्फ पिघलने की दर प्रति वर्ष 241 अरब टन से भी ज्यादा हो गई।
अध्ययन के जुड़ी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया इरविन की इजाबेल वेलिकोग्ना ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें चिंतित होना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें हताश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी उम्मीदों से अधिक तेजी से चीजें घटित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिम अंटार्कटिका का वह हिस्सा ढहने की स्थिति में है। इसी हिस्से में सबसे ज्यादा बर्फ पिघली है।