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दिल्ली में नहीं होगी पानी की कमी, केजरीवाल सरकार ने बनाई योजना

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार अगले दो साल में दिल्ली में पानी की उपलब्धता 15-20 फीसदी तक बढ़ाने की योजना बना रही है। यही नहीं अगले 5 सालों में 50 फीसदी तक पानी की उपलब्धता बढ़ जाएगी। 10 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोनेशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का इंस्पेक्शन किया। इस प्लांट की क्षमता 70 मिलियन गैलन प्रति दिन है। इंस्पेक्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले साल जून तक ये बन कर तैयार हो जाएगा। दिल्ली में यूपी से पानी कच्ची नहर से आता है।

दिल्ली सरकार अपने पैसे से कच्ची नहर को पक्का करवाएगी। कच्ची नहर को पक्का करने से 150 MGD पानी रिसने से बच जाएगा। यूपी सरकार इस पानी को दिल्ली को देने को तैयार है। दिल्ली में कुल 36 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। सरकार का अनुमान है कि इनसे 605 MGD पानी निकलता है। अगर इसमें से 200 MGD पानी भी ट्रीट कर लिया गया, तो 3-4 साल में 200 MGD पानी एसटीपी से इस्तेमाल किया जा सकेगा।

दिल्ली की पानी की समस्या पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 900 मिलियन गैलन पानी रोज़ बनता है। 2 करोड़ जनसंख्या है। दिल्ली के कई इलाकों में पानी की कमी हो रही है। पिछले तीन-चार महीनों में जल बोर्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने एक खाका तैयार किया है।

कोरोनेशन प्लांट से 70 मिलियन गैलन पानी रोज़ निकलेगा

इसके आलावा सिंगापुर का मॉडल दिल्ली में अपनाया जाएगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी यमुना में भेजा जाएगा जो दिल्ली के पल्ला में पाइपलाइन के ज़रिए ले  पानी को ले जाया जाएगा। इसी तरह रिठाला एसटीपी से 40 मिलियन गैलन पानी पल्ला पाइपलाइन के ज़रिए भेजा जाएगा। 2020 जून तक रिठाला प्लांट से 80 मिलियन गैलन पानी लेने की योजना है।