पुष्पांजलि, नई दिल्ली। इक्कीसवीं सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण इस महीने 27 और 28 जुलाई को होगा। 27 और 28 जुलाई के बीच पड़ने वाला ग्रहण 1 घंटे 43 मिनट तक रहेगा जो सन् 2001 से सन् 2100 तक का सबसे लंबा ग्रहण होगा।
आंतरिक्ष वैज्ञानिक के जानकारी के मुताबिक इसे देश भर के सभी हिस्सों से देखा जा सकता है। दो सप्ताह बाद पड़ने वाले इस ग्रहण से संबंधित जानकारियां देते हुए आंतरिक्ष वैज्ञानिक ने बताया कि आंशिक रूप से इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार (रात्रि 11.54) से हो जाएगी।
इस दौरान चांद पर धरती की छाया पड़ेगी जो धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। 28 जुलाई की रात 1 बजे तक आते-आते धरती की यह छाया पूरे चांद को ढक देगी। इसके बाद धीरे-धीरे चांद धरती की छाया से बाहर आने लगेगा और भारतीय समयानुसार 28 जुलाई को रात को 3.49 मिनट पर चांद धरती की छाया से पूरी तरह बाहर आ जाएगा।
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इससे पहले हाल-फिलहाल में सबसे लंबा चंद्र ग्रहण साल 2000 में 16 जुलाई को हुआ था। तब इसकी अवधि 1 घंटे 46 मिनट की थी। इसके बाद एक और लंबा चंद्र ग्रहण साल 2011 में हुआ था, यह ग्रहण 1 घंटे 40 मिनट का था।
खगोलीय घटनाओं में 27 जुलाई को ही एक और खास घटना घटेगी। तब सूर्य और मंगल के बीच पृथ्वी होगी। यह मंगल के पृथ्वी के ज्यादा करीब आने के कारण होगा।
पृथ्वी के ज्यादा करीब आने के कारण जुलाई के अंत में यह लाल ग्रह सामान्य से ज्यादा चमकीला नजर आएगा। 27-28 जुलाई को धरतीवासियों को हमेशा रोमांचित करने वाला यह लाल ग्रह इस बार धरती के इतना करीब होगा कि इसे नग्न आंखों से ही देखा जा सकेगा।
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