पिछले10 सालों से धर्मिक झंडे का व्यवसाय कर रहे राजा ने बताया कि सावन शुरू होते ही कावरियों की आवाजाही इस मार्ग पर बढ़ जाती है। दुकानदारों का कहना है कि उनके पास 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक के धार्मिक झंडे उपलब्ध है। जिसे कांवरिए अपने सामर्थ्य के हिसाब से खरीद रहे हैं।
पिछली साल के मुकाबले इस साल बाजार में नई तरह के धर्मिक झंडे देखने को मिल रहे हैं। पिछले कुछ सालों से कावड़ियों के बीच धार्मिक झंडे के साथ-साथ तिरंगा झंडा लेकर चलने का भी रिवाज़ बढ़ा है। बाजार में धार्मिक झंडों के साथ तिरंगा भी बिक रहा है।
28 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। हर साल लाखों की संख्या में कांवरिए गाजियाबाद से गुज़रते हैं। कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए शासन और प्रशासन के स्तर पर तेजी से काम किए जा रहे हैं। कांवरियों के खानपान के लिए भी कई दुकाने और ढाबे सड़क किनारे खुलने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि कावड़ियों की सेवा में ही भगवान की सेवा है।