कोटद्वार। नकली रेमेडसिविर इंजेक्शन मामले में दिल्ली पुलिस की कार्यवाही पर ड्रग फैक्ट्री मालिक ने सवाल खड़े कर दिए है। फैक्ट्री मालिक का आरोप है कि उनकी फैक्ट्री को बदनाम करने की साजिश रची गयी है। उनका रेमेडसिविर इंजेक्शन से कोई लेना देना नही है। वे दिल्ली पुलिस की कार्यवाही के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
शुक्रवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस ने हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापेमारी कर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। मामले में 7 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। वहीं, आरोपी आदित्य गौतम की जानकारी पर टीम ने कोटद्वार में विसत कुमार की नेक्टर हर्बल एंड ड्रग फैक्ट्री में भी छापेमारी की। जिसको लेकर विसत कुमार ने कहा कि दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा षड्यंत्र के तहत मुझे और मेरी फैक्ट्री को बदनाम किया जा रहा है। इसके खिलाफ मैं न्यायालय की शरण में जाऊंगा। फैक्ट्री मालिक विसत कुमार ने कहा कि मेरी फैक्ट्री का नाम इस प्रकरण में लिया गया है, वह गलत है. जिस आदित्य गौतम को दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा पकड़ा गया। उसने अपने आप को मेरी फैक्ट्री का मालिक बताया और गलत बयानबाजी की. जबकि उसका इस फैक्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है। फैक्ट्री का मालिक तो मैं हूं.विसत कुमार ने कहा कि आरोपी आदित्य गौतम ने दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस से कहा कि मैं इस फैक्ट्री में माल बना रहा हूं। उसी आधार पर टीम जांच पड़ताल के लिए फैक्ट्री आई थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. ड्रग इंस्पेक्टर ने भी फैक्ट्री में जांच की, लेकिन उन्हें इंजेक्शन से संबंधित कोई भी मटेरियल फैक्ट्री के अंदर नहीं मिला। दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा 29 अप्रैल को मुझे वीडियो कॉल कर फैक्ट्री के वीडियो फुटेज मांगे गए। साथ ही उन्होंने कहा कि तुम्हारा इस केस से कोई लेना-देना नहीं है। हमें कुछ वीडियो फुटेज चाहिए, जो उच्च अधिकारियों को दिखाने हैं। जिसके बाद मैंने फैक्ट्री के अंदर की वीडियो फुटेज दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस को भेज दिए। उनके द्वारा फुटेज गलत तरीके से टीवी चैनल में प्रकाशित करवाये गये। इस वजह से मेरी और मेरी फैक्ट्री की बदनामी हुई है। जबकि मेरा और मेरी फैक्ट्री का नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने से दूर-दूर तक कोई तालुकात नहीं है। मैं इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस के खिलाफ न्यायालय में जाऊंगा।