रुड़की।भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल की बरसी पर नगर निगम सभागार में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया।प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद डॉ०कल्पना सैनी ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन था।यह दिन न केवल संविधान और कानून की अवहेलना का प्रतीक है,बल्कि उन असंख्य नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन भी है,जो उस समय अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना चाहते थे।बताया कि भाजपा सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित किया गया है।भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ०मधु सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज भी उस तानाशाही के खिलाफ खड़ी है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता इस दिन को स्मरण कर यह संकल्प लेता है कि देश में फिर कभी आपातकाल जैसी स्थिति न आए।जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को आपातकाल के उस दौर से अवगत कराना आवश्यक है,ताकि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता को समझ सकें और उसके संरक्षण के लिए सजग रह सकें।वरिष्ठ भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा देश पर थोपे गए इस आपातकाल ने संविधान की आत्मा को आहत किया और यह देश कभी इस भूल को नहीं भुला सकता। राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी एवं भाजपा नेता व समाजसेवी संजय अरोड़ा ने आपातकाल में आम जनता पर थोपे गए नसबंदी कानून के विषय में चर्चा की।कार्यक्रम में भीम सिंह,प्रदीप पाल,सावित्री मंगला,मंडल अध्यक्ष सुमित अग्रवाल,देशपाल रोड,संजय अरोड़ा,पंकज नंदा,रवि राणा,सतीश सैनी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।