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आईआईटी रुड़की का दीक्षांत समारोह आगामी 5 सितंबर को,केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ०जितेंद्र सिंह दीक्षांत समारोह में होंगे मुख्य अतिथि,कुल 2614 छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाएंगी उपाधियां

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रुड़की(इमरान देशभक्त)।आईआईटी रुड़की का 25-वां दीक्षांत समारोह आगामी 5 सितंबर को होगा,जिसमें 2614 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दी जाएगी। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहेंगे।आईआईटी रुड़की के सीनेट हॉल में हुई प्रेस वार्ता में संस्थान के निदेशक केके पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि दीक्षांत समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तथा 25-वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डा०जितेंद्र सिंह होंगे,इनके अलावा डॉक्टर निर्मलजीत सिंह कलसी सेवानिवृत आईएएस भी दीक्षांत समारोह में मौजूद रहेंगे तथा अध्यक्षता अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ०सीसीआर मोहन रेड्डी करेंगे।दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि संस्थान के एल्युमीनाई और विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल दीक्षांत समारोह में मौजूद रहेंगे।उन्होंने बताया कि इस साल 2614 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की जाएगी,जिसमें 1267 स्नातक,847 स्नातकोत्तर व 500 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्रियां प्रदान की जाएगी,इसमें 24% यानी 602 छात्राएं जिनमें 178 पीएचडी छात्र हैं,इनमें 70 के लगभग छात्र-छात्राएं विदेशी भी शामिल है।प्रेस वार्ता के दौरान आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा कि दीक्षांत समारोह हमारे छात्र-छात्राओं की कड़ी मेहनत एवं लगन का उत्सव है और यह भविष्य में उद्यमियों तथा नवप्रवर्तकों के रूप में उनके परिवर्तन का भी प्रतीक है।प्रेसवार्ता के दौरान प्रोफेसर केके पंत ने दीक्षांत समारोह के लिए एक प्रचार वीडियो भी लॉन्च किया,जिसमें कार्यक्रम के विवरण,संस्थान की उपलब्धियां तथा इसके छात्रों की उपलब्धियां पर प्रकाश डाला गया।उन्होंने बताया कि जो लोग व्यक्तिगत रूप से दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे,उनके लिए दीक्षांत समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा।यह लाइव स्ट्रीम आईआईटी रुड़की के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध होगा।आईआईटी रुड़की के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है,जो इंजीनियरिंग,विज्ञान,प्रबंधन,वास्तुकला एवं नियोजन तथा मानविकी व सामाजिक विज्ञान में उच्च शिक्षा प्रदान करता है।सन् 1847 में अपनी स्थापना के बाद से इस संस्थान ने देश को तकनीकी मानव संसाधन और जानकारी प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।