पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी परिवार के साथ-साथ बैंक के कर्मचारी भी जांच के घेरे में हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को पीएनबी ने बड़ा कदम उठाया है। पीएनबी ने इस मामले से जुड़े अपने 18 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित हुए कर्मचारियों में जनरल मैनेजर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। शुरुआती जांच में सभी अधिकारियों के साथ बैंक में आंतरिक पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपी नीरव मोदी को सीबीआई और इंटरपोल नोटिस जारी कर गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही बैंककर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। पंजाब नेशनल बैंक के एमडी सुनील मेहता ने 11500 करोड़ रुपये के महाघोटाले में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि 2011 से चले आ रहे इस घोटाले को हमने खुद पकड़ा और जांच एजेंसियों के पास गए। मामले में संलिप्त बैंक के स्टाफ को भी हमने सस्पेंड कर दिया है। नीरव मोदी के पैसे लौटान की पेशकश को भी बैंक के एमडी ने स्वीकारा है और कहा कि उनके पास इसके लिए कोई पुख्ता प्लान नहीं था। मेहता ने ये भी कहा कि सीबीआई तक पहली शिकायत पहुंचने से बहुत पहले ही नीरव मोदी देश छोड़ कर जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि नीरव इसी साल एक जनवरी को देश छोड़कर जा चुके हैं। सुनील मेहता ने कहा कि बैंक अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है और इस समस्या ने निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम कैंसर का इलाज कर रहे हैं और इसे पूरी तरह खत्म करेंगे। पीएनबी ने इस मामले में कुछ कर्मचारियों पर एक्शन लेने और उन्हें सस्पेंड करने की भी बात कही। उन्होने कहा कि इसकी पूरी जानकारी शेयर बाजार नियामक सेबी के साथ भी साझा की है। हमने 29 जनवरी को सीबीआई से जांच के लिए कहा और 30 जनवरी को एफआईआर दर्ज कराई।