इस्लामाबाद: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का निर्णय लिया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने के लिए तीन महीने का समय दिया था लेकिन वह विफल रहा। पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव अमेरिका लाया थी जिसका अन्य देशों ब्रिटेन, फ्रांस और भारत ने समर्थन किया। तीन दिनों से पेरिस में चल रही बैठक में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ शिकंजा कसे जाने को लेकर चर्चा की जा रही थी। पहले खबरें आई थीं कि चीन, पाकिस्तान के पक्ष में हैं लेकिन बाद में चीन ने अपनी आपत्तियां वापस ले लीं। एफएटीएफ के इस कदम से पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकट झेलना होगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से अच्छी नहीं है, ऐसे में एफएटीएफ के इस सख्त कदम से आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत और खस्ता होने के पूरे आसार हैं। एफएटीएफ की पेरिस बैठक में केवल तुर्की अंतिम समय तक पाकिस्तान का साथ देता नजर आया, लेकिन वह मायने नहीं रखता। एफएटीएफ में 37 सदस्य हैं। तुर्की को छोड़कर शेष 36 ने यह जरूरी समझा कि आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए पाकिस्तान को दंडित किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के इस वैश्विक संस्था की प्रतिबंधित सूची (ग्रे लिस्ट) में आने का मतलब है कि अन्य देश वहां निवेश करने से बचेंगे।