जहा एक ओर खट्टर सरकार और शिक्षा विभाग बड़ी बड़ी बाते करती है कि सरकारी स्कूल में शिक्षा बड़ी बेहतर है। पर आईना देखा तो हकीकत कुछ और निकली गुरुग्राम सोहना से रिठौज गांव के सरकारी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बच्चे आवारा पशु निकालने में लग जाते है।और गर्मी में पीने के पानी के लिए वाटर कूलर तो है पर कई महीनों से कोई ठीक करवाने की सुध तक नही है।बच्चो के बैठने तक के बैंच नही है।और तो ओर टॉयलेट की टंकी में इतने छेद है कि पानी रुकता ही नही।
स्कूल के इंचार्ज का कहना है कि स्कूल में न तो चौकीदार है ना ही स्लीपर तो हम चोकीदार बनकर काम करे