बदल सकता है बिहार में शराबबंदी कानून, सीएम नीतीश ने दिए संकेत

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पटना। शराबबंदी के बाद पहली बार नीतीश सरकार ने 26 महीने के अंदर इस कानून के सख्त प्रावधानों के बारे में समीक्षा का संकेत दिया है। इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सरकारी मशीनरी में कुछ लोगों द्वारा इस शराबबंदी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।

हालांकि नीतीश सरकार के इस कदम को राजनीतिक भी माना जा रहा है। जदयू ने इस कानून के संबंध में कहा है कि शराबबंदी ने कुछ लोगों को चोट पहुंचाई है लेकिन राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या को इससे राहत मिला है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों के घर में खुशी वापस लेकर आई है और इसने शांति और सौहार्द के साथ-साथ घरेलू कलह से भी मुक्त माहौल पैदा किया है।

बता दें कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून काफी विवादों में रहा है। बिहार एक्साइज एक्ट 2016 राज्य में किसी भी तरह की शराब के निर्माण, बिक्री और मादक द्रव्‍य के उपभोग पर प्रतिबंध लगाता है। कई बार इस कानून के दुरुपयोग से संबंध में खबरें आती रही है। लिहाजा सरकार अब इस कानून की समीक्षा की बात कर रही है।

इसी कड़ी में पटना में युवा सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ”मैं इस कानून के सभी पहलुओं की समीक्षा करुंगा…यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिन भी संशोधनों की गुंजाइश होगी, उनको किया जाएगा।”

गौरतलब है कि शराबबंदी के संबंध में एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने स्थानीय अखबारों में भी इश्तहार देकर लोगों से इस विषय पर विचार आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के बारे में लोगों के विचारों पर भी गौर किया जाएगा।