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यमुना के बाढ़ से बुझेगी दिल्ली वासियों की प्यास!

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नई दिल्ली। यमुना में आने वाली बाढ़ दिल्ली वासियों की प्यास बुझा सकती है। यमुना का बाढ़ आसपास में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। अगर इस बाढ़ के पानी को इकट्ठा किया जाए तो दिल्ली  के लोगों को गर्मियों में भी पानी की कोई किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी।

बाढ़ के पानी से जहां ग्राउंड वॉटर रिचार्ज किया जा सकता है, वहीं दिल्ली में बढ़ते जमीनी खारे पानी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इस पानी को इकट्ठा करने की कोई प्लानिंग ना हो पाने के कारण यह दिल्ली के लिए मुसीबत बनता जा रही है। बाढ़ के इस पानी से अगर 5 लाख क्यूसेक पानी भी इकट्ठा कर लिया जाए तो दिल्ली में पानी की किल्लत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन डॉ. डीके चड्ढा के मुताबिक पल्ला से लेकर अशोक विहार, रोहिणी, मंगोलपुरी, द्वारका, वसंत कुंज होते हुए ओखला तक नहर बनाई जाए। ओखला के करीब नहर को यमुना में जोड़ दिया जाए। नहर में जगह-जगह करीब 100 इंजेक्शन वेल बनाए जाएं। इन इंजेक्शन वेल के जरिए पानी जमीन के अंदर छोड़ा जाएगा।

बता दें कि दिल्ली में जमीनी पानी 20 मीटर से लेकर 50 मीटर की गहराई पर मिलता है। इसलिए अलग-अलग जगह पर इनकी गहराई तय की जाएगी। बाढ़ का पानी इस नहर में छोड़ दिया जाएगा।

पानी की कमी से जूझ रहे लैटिन अमेरिका के कई देशों में ग्राउंड वॉटर को रीचार्ज करने के लिए बाढ़ का पानी खरीदा जाता है। दिल्ली में तो बरसात के सीजन में इतना पानी आ रहा है कि पानी का स्तर कई गुना सुधारा जा सकता है।