देहरादून। शासन के बाद शिक्षा विभाग ने आठ फरवरी से खुलने जा रहे स्कूलों के लिए एसओपी जारी कर दी। शिक्षा महानिदेशालय से बीते रोज मुख्य सचिव के स्तर से जारी एसओपी सभी एडी और सीईओ को भेजी गई है। सीईओ को एसओपी का शत प्रतिशत पालन कराने के निर्देश दिए गए। इसका उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी। आठ फरवरी से छठवीं, सातवीं, आठवीं, नौवीं और 11वीं कक्षाएं भी खुल जाएंगी। 10वीं और 12 वीं कक्षाएं बीते साल दो नवंबर से जारी हैं। महानिदेशालय की एडी वंदना गब्र्याल के अनुसार, सरकारी बोर्डिंग स्कूल, राजीव नवोदय और कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास के लिए भी जल्द एसओपी जारी होगी। सात फरवरी तक छठी से 12 वीं स्तर के सभी स्कूलों को शत प्रतिशत सेनेटाइज करना होगा। यह प्रक्रिया हर पाली के बाद नियमित रूप से की जाएगी। यदि किसी छात्र-स्टॉफ को खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण दिखाई देंगे तो उन्हे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया जाएगा। हर स्कूल में एक नेाडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। उसकी जिम्मेदारी सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकाल का पालन कराना और संक्रमण की स्थिति में तत्काल प्रशासन को सूचना देना होगी। सीईओ प्रतिदिन हर स्कूल की रिपोर्ट लेंगे। स्कूल में प्रवेश और छुट्टी के वक्त विशेष ऐहतियात बरता जाएगा। पूरे स्कूल की एक साथ छुट्टी नहीं होगी। कक्षाओं के लिए छुट्टी का अलग अलग समय तय किया जाएगा। जिससे कम संख्या में छात्र-छात्राएं आ-जा सके। यदि स्कूल में एक से ज्यादा गेट हैं उनका इस्तेमाल प्रवेश और छुट्टी के वक्त किया जा सकता है। अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल दो पालियों में कक्षा चला सकेंगे। कक्षा के भीतर बैठने में भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानक का पालन करना होगा। सरकार ने स्कूलों के संचालन के लिए डीएम को विशेषाधिकार भी दिया है। मुख्य सचिव ने कहा कि कोराना संक्रमण रेाकने में डीएम की भूमिका प्रभावी रही है। डीएम जिलों में परिस्थिति के अनुसार निर्णय ले सकेंगे। यदि किसी स्कूल में संक्रमण की स्थिति पैदा होती है तो डीएम उस स्कूल को आंशिक या पूर्ण रूप से बंद करने का निर्णय ले सकते हैं।